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"भारत में गोल्ड "भारत में गोल्ड प्राइस क्रैश इतिहास (1964–2025): सोने की कीमतों में कब-कब आई बड़ी गिरावट"

 

💥 भारत में गोल्ड प्राइस क्रैश का इतिहास: सबक, समझ और घबराने की नहीं ज़रूरत

History of Gold Price Decline in India from 1964 to 2025 - GoldShub Blog
भारत में सोने की कीमतों में गिरावट का इतिहास (1964–2025) | GoldShub

लेखक: GoldShub रिसर्च टीम | अपडेटेड: अक्टूबर 2025

📍 Source: GoldShub.com – भारत का भरोसेमंद गोल्ड इंफो ब्लॉग


✨ परिचय: सोना सिर्फ़ धातु नहीं, एक भरोसा है

भारत में सोना सिर्फ़ निवेश नहीं, बल्कि संस्कृति और सुरक्षा का प्रतीक है — शादी-ब्याह, त्योहार या निवेश, हर जगह सोने की चमक रहती है। लेकिन इतिहास बताता है कि सोने की कीमतें हमेशा एक सी नहीं रहतीं। इस लेख में हम प्रमुख Gold Price Crashes (1964–2025), उनके कारण, असर और उनसे मिलने वाले सबक पर गहराई से नजर डालेंगे — ताकि आप घबराने की बजाय समझदारी से निर्णय ले सकें।



🕰️ 1964 का गोल्ड क्रैश – युद्ध के बाद की नीतिगत गिरावट

1964 India Gold Control Act Gold Price Crash - Historical Impact on Indian Gold Market
1964 का गोल्ड प्राइस क्रैश और Gold Control Act का प्रभाव | GoldShub

भारत का पहला बड़ा गोल्ड प्राइस क्रैश 1964 में दर्ज हुआ। सोने की कीमतें ₹119 प्रति 10 ग्राम से गिरकर ₹63 तक पहुंच गईं — यानी लगभग 35% की गिरावट।

मुख्य कारण:

  • 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद आर्थिक अस्थिरता में कमी, जिससे मांग घट गई।
  • 1963 में लागू Gold Control Act — निजी स्वामित्व पर कड़ी पाबंदियाँ (हर व्यक्ति को सीमित मात्रा रखने की अनुमति)।
  • ट्रेडिंग और पोर्टेबिलिटी पर प्रतिबंध से बाजार प्रभावित हुआ।

प्रभाव: लोगों की संपत्ति के मूल्य में कमी, पर नए खरीदारों के लिए अवसर भी खुला। 1970 तक धीरे-धीरे कीमतें वापस बढ़ीं।

सीख: सरकारी नीतियाँ अल्पकालिक उतार-चढ़ाव लाती हैं — लंबी अवधि में सोना ठीक रहता है।


🌍 1980 का गोल्ड बबल बर्स्ट – जब वैश्विक बाजार हिला

1980 में सोने का बुलबुला फूटा — वैश्विक मार्केट में बड़ी गिरावट | GoldShub
1980 में सोने का बुलबुला फूटा — वैश्विक मार्केट में बड़ी गिरावट | GoldShub

1970 के दशक के तेल संकट और महंगाई के कारण सोने की कीमतों में तेज़ उछाल आया। 1980 पर वैश्विक स्तर पर सोना $850/oz से गिरकर $400/oz तक आ गया — यानी ≈31% की गिरावट। Hunt Brothers स्कैन्डल और अमेरिकी फेड की कठोर नीतियों ने भी असर डाला। भारत में रुपया कमजोरी के कारण असर सीमित रहा पर अस्थिरता बनी रही।

सीख: जब सोना बहुत तेज़ी से बढ़े तो correction संभव है — घबराने के बजाय अवसर खोजें।


💹 2013 का गोल्ड क्रैश – मॉडर्न दौर की सबसे बड़ी गिरावट

2013 में गोल्ड प्राइस क्रैश – भारत में 30% की गिरावट, Import Duty और Fed Tapering से आई Correction | GoldShub
2013 में गोल्ड प्राइस क्रैश – भारत में 30% की गिरावट, Import Duty और Fed Tapering से आई Correction | GoldShub

2013 में सोने की कीमतें ₹31,000/10g से गिरकर ₹25,000/10g तक आगई — लगभग 30% की गिरावट। प्रमुख कारणों में शामिल थे:

  • अमेरिकी फेड की Quantitative Easing tapering की घोषणा — डॉलर मज़बूत।
  • Equity markets में रिटर्न बढ़ना — निवेशकों का फ्लो equities की तरफ़।
  • भारत में Import Duty बढ़ाकर 10% कर दी गई — घरेलू मांग घटने लगी।

प्रभाव: ज्वेलरी सेक्टर पर प्रेशर, आयात घटा, पर बाद में बड़ी खरीदारी हुई और 2014-19 में धीरे-धीरे रिकवरी हुई।


🔁 2008 और 2025 की हल्की गिरावटें

2008 वैश्विक मंदी के दौरान सोना अस्थायी रूप से गिरा पर भारत में रुपया कमजोर होने के कारण असर सीमित रहा।

2025 में भी एक हल्की गिरावट देखी गई (लगभग 3%) — ₹1,32,000 से ₹1,28,000 तक — जो अधिकतर प्रॉफिट-बुकिंग थी, घबराने की वजह नहीं।


📊 गोल्ड क्रैश के आम कारण

  • ब्याज दरों में बढ़ोतरी (Interest Rate ↑)
  • अमेरिकी डॉलर की मजबूती
  • सरकारी आयात-नीतियाँ और ड्यूटी (Import Duty)
  • वैश्विक आर्थिक स्थिरता / मंदी
  • सट्टेबाज़ी (speculation)

नोट: भारत में सांस्कृतिक-मांग (wedding season) अक्सर गिरावट को कुछ हद तक सहन कराती है।


💡 इतिहास से मिली सीख: घबराएं नहीं, सोच-समझकर निवेश करें

यदि आप सोचते हैं कि कोई क्रैश “अंत” है — याद रखिए: 1964 का ₹63/10g का दौर आज 2025 में ₹1,28,000/10g तक पहुँचा। धैर्य रखने वाले निवेशकों को समय के साथ लाभ मिला है।

स्मार्ट निवेशक के लिए सुझाव:

  1. 💎 Diversify: सिर्फ़ गोल्ड पर निर्भर न रहें — स्टॉक्स और बॉन्ड्स भी रखें।
  2. 🕒 लॉन्ग-टर्म सोच: सोना सालों में चमकता है, दिनों में नहीं।
  3. 🌍 Global Cues देखें: Fed Policies, डॉलर और रुपये की चाल।
  4. 💰 SGBs (Sovereign Gold Bonds) पर विचार करें — स्टोरेज टेंशन नहीं।
  5. 🧘 घबराएँ नहीं: गिरावट के बाद अक्सर उछाल आता है।

🧭 आगे क्या करें?

यदि आपके पास कोई सवाल या निवेश-संबंधी शंका है, नीचे फॉर्म भरकर हमसे संपर्क करें:

👉 GoldShub संपर्क फॉर्म (Zoho)


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सोना कभी हारता नहीं, बस फिर से चमकने से पहले आराम करता है 🌟 — GoldShub

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❓ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

Q: क्या गोल्ड क्रैश का मतलब लंबी अवधि का नुकसान है?

A: नहीं — इतिहास दिखाता है कि अल्पकालिक गिरावट के बाद अक्सर रिकवरी आती है। लॉन्ग-टर्म निवेशक को लाभ होता है।

Q: क्या मुझे अभी सोना खरीदना चाहिए?

A: यह आपकी निवेश रणनीति और लाइफ़-हॉल (time horizon) पर निर्भर करता है। Diversify रखें और SGBs जैसे विकल्पों पर विचार करें। व्यक्तिगत वित्तीय सलाह के लिए अपने सलाहकार से संपर्क करें।


⚠️ Disclaimer: यह ब्लॉग केवल शैक्षणिक और सूचना के लिए है। GoldShub कोई वित्तीय सलाह नहीं देता — निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श लें।


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